इन्द्रधनुष का गोल बना कर
बादल का मैदान जमाकर
सोमवार को हुआ था पोल
मिलकर खेलेंगे फुटबॉल
हाथी, भालू, बंदर, तोता
मंगल को जंगल कप होता
छम से बिल्ली बुध को आई
जब चूहों की बारी आई
गुरु को हाथी दादा आये
सूंड मार कर बॉल उड़ाए
शुक्र को खूब झमा-झम झम
नाचे मोर छमा छम छम
शनि को आए भालू भाई
आधे मैदान दौड़ लगाई
दौड़ हांफते दिये दो गोल
जंगल मे खेली फुटबॉल
रविवार को बदली चाल
चींटी ने किया कमाल,
मिलकर जीता जंगल फुटबॉल
badhiya pehal...swagat he aapka
ReplyDeleteaap ki kavita meri kavita jaisi h. ye h meri kavita.
ReplyDeletehaathi k suund hoti hai
battak k choch hoti hai
chidiya k choch hoti hai
kauve k choch hoti hai
bakri k puunch hoti hai
sher k mu hota hai
har koi raat ko sota hai
din m har koi jagta hai
jo din ko jb sota hai
wahi raat ko jagta hai
kauve ka rang kaala hai
mohan ka chota bhai lala hai
mujhko kuch nai aata hai
fir bhi geet ban jaata hai
:P :P :P :P
बहुत बढ़िया प्रवीणा
ReplyDeleteहाथी दादा ओढ़ लबादा जा पहुंचे बाज़ार
ReplyDeleteजूते की दूकान देख कर मांगे जूते चार
भालू जूते वाला बोला दादा कर दो माफ़
इतने बड़े ना जूते बनते बड़ा तुम्हारा नाप
प्यारी कविता ....
ReplyDeleteकिया कमाल ...खूब धमाल ..!!
आप का ब्लॉग बहुत सुंदर है । क्या आप अपना ई मेल आई डी देंगी मेरा ई मेल आई डी है anitakumar3@gmail.com
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर...
ReplyDelete:-)
वाह!! सप्ताह के दिनों को याद करवाने का अच्छा तरीका बच्चों के लिए 😀❤️
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